बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शिक्षाशास्त्र - शैक्षिक आकलन बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शिक्षाशास्त्र - शैक्षिक आकलनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शिक्षाशास्त्र - शैक्षिक आकलन - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में आकलन के प्रकार तथा इसकी विशेषताएँ एवं उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
आकलन (Assessment) कितने प्रकार का होता है?
अथवा
आकलन की विशेषताएँ कौन-कौन सी हैं?
अथवा
आकलन के उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
(Types of Assessment)
विद्यार्थियों की उपलब्धि को ज्ञात करते समय अध्यापक द्वारा किसी मानक के विरुद्ध मूल्य निर्णय करना आकलन कहलाता है। प्रक्रिया के आधार पर आकलन को दो वर्गों में वर्गीकृत किया गया है -
1. भौतिक आकलन - भौतिक आंकलन में भौतिक गुणों जैसे लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई एवं भार आदि को मापा जाता है। इस आकलन को परिणात्मक आकलन भी कहते हैं।
2. मानसिक आकलन - मानसिक आकलन में मानसिक क्रियाओं जैसे- बुद्धि, रुचि, उपलब्धि एवं अभियोग्यता आदि का आकलन भी किया जाता है। यह गुणात्मक आकलन भी कहलाता है।
आकलन की विशेषताएँ
आकलन द्वारा यह ज्ञात किया जाता है कि बालक ने शिक्षण के अन्त में वास्तविक अर्थों में क्या-क्या सीखा है। एक अच्छे आकलन में 5 गुणों का होना अति आवश्यक है और शिक्षक को छात्रों का आकलन करने से पूर्व यह ज्ञात कर लेना चाहिए कि आकलन इन गुणों को पूरा कर रहे हैं या नहीं। आकलन के ये पाँचों गुण निम्नलिखित हैं-
1. वैधता - वैध आकलन वही होता है जो वास्तव में उन्हीं उद्देश्यों का आकलन करे जिस उद्देश्य के लिए उसका निर्माण किया गया है। लेकिन शिक्षक प्रायः ऐसे प्रश्नों को बच्चों से पूछने लगते हैं जो प्रमाणिक नहीं होते हैं।
जैसे - यदि छात्रों के कुछ बिन्दुओं को याद करने को शक्ति को जाँचने हेतु प्रश्न बनाना है तो ऐसे प्रश्न बना दिए जायें जो उनकी तर्क शक्ति को जाँचे।
2. विश्वसनीयता - किसी भी आकलन का यह सबसे पहला एवं महत्वपूर्ण गुण है। आकलन किसी भी समय या परिस्थिति में किया जाए किन्तु उसका परिणाम सदैव समान होना चाहिए। अगर शिक्षक द्वारा एक ही आकलन हेतु अलग-अलग अंक प्रदान किया जा रहा है तो ऐसा आकलन विश्वसनीय नहीं होता है।
3. व्यवहारिकता - आकलन लागत समय और सरलता की दृष्टि से वास्तविक, व्यवहारिक एवं कुशल होना चाहिए। ऐसा भी हो सकता है कि आकलन का कोई तरीका आदर्श हो किन्तु उसे व्यवहार में न लाया जा सके। ऐसे तरीकों को भी नहीं अपनाना चाहिए।
उदाहरणार्थ - विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक परीक्षाओं में सभी विद्यार्थियों को एक प्रयोग के स्थान पर अलग-अलग प्रयोग देना अधिक सुविधाजनक एवं व्यवहारिक है क्योंकि सबसे एक प्रयोग करवाने हेतु एक प्रकार के अनेक यन्त्र उपलब्ध करवाने होंगे, हो सकता है यह सम्भव न हो।
4. मानकीकरण - एक अच्छे आकलन की यह भी एक विशेषता होती है कि वह मानकीकृत होना चाहिये। विद्यालय में प्रायः जो परीक्षण किये जाते हैं वे राष्ट्र एवं राज्य के लिए किए जाते हैं लेकिन मानकीकृत आकलन वह होता है जो कक्षा स्तर को सम्मिलित करता है। आकलन एवं मूल्यांकन किस सीमा तक प्रशासन प्रक्रियाओं में समान है, को मानकीकरण निरूपित करता है। आकलन का प्राप्तांक प्रत्येक विद्यार्थियों का समान होना चाहिए। मानकीकृत आकलन में. कई गुण होते हैं जो उसे अद्वितीय एवं मानक बनाते हैं। एक मानकीकृत आकलन वही होता है जो विद्यार्थियों को एक समय सीमा, समान प्रकार के प्रश्न, समान निर्देशों को दिया जाए और जिसमें छात्र समान अंक अर्जित करे।
5. उपयोगिता - आकलन विद्यार्थियों के लिए उपयोगी भी होना चाहिए। आकलन से प्राप्त परिणामों को छात्रों को बता देना चाहिए जिससे वे उन कमियों को सुधार सकें। आकलन द्वारा इसका पता लग सकता है कि किस दिशा में सुधार करना है। यह सुधार पठन सामग्री में, अध्यापन विधि आदि में हो सकता है। इस प्रकार आकलन विद्यार्थियों की एवं अध्यापकों की कमियों को जानने एवं उन्हें दूर करने में बहुत लाभकारी होता है।
(Purpose of Assessment)
1. शिक्षण के उद्देश्य-
• इसका प्रयोग अनुदेशन से विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान को जानने के लिए किया जाता है।
• अधिगम की कठिनाई अथवा अग्रिम ज्ञान को जानने का उद्देश्य।
• अनुदेशन की योजना बनाने का उद्देश्य।
2. शिक्षण के दौरान के उद्देश्य-
• अनुदेशन की प्रभाविता को जानने के लिए।
• अधिगम के दौरान विद्यार्थी की समस्याओं को जानने के लिए।
अनुदेशन के बारे में प्रतिपुष्टि के लिए।
• नैदानिक अनुदेशन के लिए।
3. शिक्षण के उपरान्त के उद्देश्य-
• शैक्षिक सम्प्राप्ति के प्रमाण के लिए।
• विद्यार्थियों के शैक्षिक सम्प्राप्ति के आधार पर प्रेग्रेड प्रदान करने के लिए।
• सम्पूर्ण शिक्षण की प्रभावशीलता को जानने के लिए।
• शिक्षक के स्वमूल्यांकन के लिए।
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- प्रश्न- शिक्षा में मापन के अर्थ एवं विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मापन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक मापन की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मापन की उपयोगिता एवं महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यांकन की अवधारणा एवं अर्थ को स्पष्ट करते हुए इसकी उपयोगिता भी स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यांकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए !
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यांकन की उपयोगिता स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मापन और मूल्यांकन में सम्बन्ध बताइए।
- प्रश्न- मापन एवं मूल्याँकन में क्या अन्तर है? शिक्षा में इनकी क्या आवश्यकता है?
- प्रश्न- शिक्षा में मूल्यांकन के उद्देश्य और कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सतत् और व्यापक मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं? विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आकलन क्या है तथा आकलन क्यों किया जाता है? विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाओं के आधार पर परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- आकलन के क्षेत्र उनकी आवश्यकता तथा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में आकलन की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में आकलन के प्रकार तथा इसकी विशेषताएँ एवं उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आकलन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आकलन प्रक्रिया के सोपान कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- भौतिक तथा मानसिक मापन क्या होता है? इनका तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए। सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के उद्देश्यों तथा उसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अच्छे मापन की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- मापन कितने प्रकार का होता है?
- प्रश्न- शैक्षिक मापन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्य बताइये।
- प्रश्न- मापन एवं मूल्यांकन के विशिष्ट उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- सतत् तथा व्यापक मूल्यांकन का क्या महत्त्व है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् और व्यापक मूल्यांकन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षण मानक को विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- मानक से आप क्या समझते हैं? ये कितने प्रकार के होते है? अच्छे मानकों की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- मानक कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- अच्छे मानकों की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- अंकन तथा ग्रेडिंग प्रणाली का अर्थ बताते हुए दोनों के बीच क्या अन्तर है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रचलित क्रेडिट सिस्टम क्या है? इसके लाभ और हानि पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मानक परीक्षण 'मानक' क्या होते हैं?
- प्रश्न- मानक क्या है? मानकों के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण से क्या आशय है? इसके उद्देश्य एवं महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षणों के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षणों का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रमापीकृत परीक्षण का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा इसकी प्रमुख विशेषताओं को बताइये।
- प्रश्न- प्रमापीकृत परीक्षण की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- एक अच्छे परीक्षण से आप क्या समझते हैं? एक अच्छे परीक्षण की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एक अच्छे परीक्षण की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षण की प्रकृति के आधार पर परीक्षणों के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- परीक्षण के द्वारा मापे जा रहे गुणों के आधार पर परीक्षणों के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- परीक्षण के प्रशासन के आधार पर परीक्षणों के विभिन्न प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- परीक्षणों में प्रयुक्त प्रश्नों के आधार पर परीक्षणों के विभिन्न प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- प्रश्नों के उत्तर के फलांकन के आधार पर परीक्षणों का वर्गीकरण, कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षण में लगने वाले समय के आधार पर परीक्षणों के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- "निबन्धात्मक परीक्षण की कमियों को दूर करने के लिए वस्तुनिष्ठ परीक्षण की आवश्यकता है।" इस कथन के सन्दर्भ में वस्तुनिष्ठ परीक्षण की उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निबन्धात्मक परीक्षाओं के गुण एवं दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निबन्धात्मक परीक्षाओं के दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण का अर्थ स्पष्ट कीजिए। इसके उद्देश्य, गुण व दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षणों के प्रमुख गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण के प्रमुख दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षणों का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- मापीकृत उपलब्धि परीक्षण और अध्यापककृत उपलब्धि परीक्षणों में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि के प्रत्यय / अवधारणा को बताते हुए उसके अर्थ एवं परिभाषा तथा बुद्धि की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बुद्धि को परिभाषित कीजिये। इसके विभिन्न प्रकारों तथा बुद्धिलब्धि के प्रत्यय का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों तथा महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गिलफोर्ड के त्रिआयामी बुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- 'बुद्धि आनुवांशिकता से प्रभावित होती है या वातावरण से। स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- बुद्धि के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत एवं सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं? व्यक्तिगत तथा सामूहिक बुद्धि परीक्षण की विशेषताएँ एवं सीमाएँ बताइये।
- प्रश्न- व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण की सीमायें बताइये।
- प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण की सीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- संवेगात्मक बुद्धि से आप क्या समझते हैं? संवेगात्मक लब्धि के विचार पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- बुद्धि से आप क्या समझते हैं? बुद्धि के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- वंशानुक्रम तथा वातावरण बुद्धि को किस प्रकार प्रभावित करता है?
- प्रश्न- संस्कृति परीक्षण को किस प्रकार प्रभावित करती है?
- प्रश्न- परीक्षण प्राप्तांकों की व्याख्या से क्या आशय है?
- प्रश्न- उदाहरण सहित बुद्धि-लब्धि के प्रत्यन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षणों के उपयोग बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि तथा विचलन बुद्धि लब्धि के अन्तर को उदाहरण सहित समझाइए।
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- प्रश्न- व्यक्तित्व से आप क्या समझते हैं? इसकी उपयुक्त परिभाषा देते हुए इसके अर्थ को स्पष्ट कीजिये।
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- प्रश्न- अभिक्षमता परीक्षण के मापन पर प्रकाश डालिए।